Couplet 1


ख़्वाहिशों के बोझ लिए इतना दब गया हूँ
जितना जिया भी नहीं मैं उतना थक गया हूँ
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सब तो कामयाबी को सुकून मानकर चलते गए 
और हम सुकून को कामयाबी समझते रह गए

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